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23 जुलाई 2020

महत्वपूर्ण पोस्ट 2

अपनी छुट्टियां खत्म होने के बाद, उन्होंने सोपोर में अपनी बटालियन को फिर से ज्वाइन किया. उनकी बटालियन, 13 JAK RIF, को शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश के लिए आगे बढ़ने का आदेश मिला. बटालियन ने 8 माउंटेन डिवीजन के 192 माउंटेन ब्रिगेड के तहत कश्मीर में अपने आतंकवाद रोधी कार्यकाल को पूरा किया. हालांकि, 5 जून को, बटालियन के आदेशों को बदल दिया गया और उन्हें द्रास, जम्मू और कश्मीर में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया.

❇️कैप्टन विक्रम बत्रा: कारगिल युद्ध‌🔰

द्रास सेक्टर में, पाक सेना ने मजबूत किलेबंदी की, जो स्वचालित हथियारों से प्रबलित थे, श्रीनगर-लेह रोड, लेह को आपूर्ति की जीवन रेखा पर हावी होने वाले विश्वासघाती दृष्टिकोण के साथ.

20 जून 1999 को, कमांडर डेल्टा कंपनी के कैप्टन विक्रम बत्रा को ऑपरेशन VIJAY के दौरान पॉइंट 5140 पर हमला करने का काम सौंपा गया था. कैप्टन विक्रम बत्रा, अपनी कंपनी के साथ, पूर्व दिशा की और से और बिना शत्रु को भनक लगे हुए उसकी मारक दूरी के भीतर उस क्षेत्र के अंदर तक पहुंच गए. उन्होंने अपने दस्ते को पुनर्गठित किया और उन्हें दुश्मन के ठिकानों पर सीधे हमला करने के लिए प्रेरित किया. कैप्टन विक्रम बत्रा सबसे आगे अपने दस्ते का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने बड़ी निडरता से शत्रु पर धावा बोल दिया  और आमने-सामने कि लड़ाई में चार को मार गिराया. यह क्षेत्र बहुत दुर्गम ख्स्टर था और इसके बावजूद कैप्टेन बत्रा  ने अपने साथियों के साथ इस चोटी को अपने कब्ज़े में ले लिया. कैप्टन विक्रम बत्रा ने इस चोटी से रेडियो के जरिए अपना विजय उद्घोष कहा.

7 जुलाई 1999 को, प्वाइंट 4875 चोटी को कब्ज़े में लेने के लिए अभियान शुरू किया गया था और इस अभियान के लिए भी  कैप्टन विक्रम और उनकी टुकड़ी को जिम्मेदारी सौंपी गई. यह एक ऐसी मुश्किल जगह थी जहां दोनों और खड़ी ढलान थी और इसी एकमात्र रास्ते की शत्रु ने भारी संख्या में नाकाबंदी कि हुई थी. इस कार्य को जल्दी पूरा करने के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा एक संर्कीण पठार के पास से शत्रु ठिकानों पर आक्रमण करने का निर्णय लिया. इसका नेतृत्व करते हुए आमने-सामने की भीषण लड़ाई में कैप्टन विक्रम बत्रा ने पांच शत्रु सैनिकों को पॉइंट ब्लैक रेंज में  मार गिराया. इस लड़ाई के दौरान कैप्टन बत्रा को काफी गंभीर ज़ख्म लग गए. इतने ज़ख्म लगने के बावजूद वे रेंगते हुए शत्रु की ओर बड़े और ग्रेनेड फ़ेके और वहां से भी शत्रुओं का सफाया हो गया. उन्होंने अपने साथी जवानों को एकत्र किया और सबसे आगे रहकर आक्रमण के लिए प्रेरित किया और लगभग एक असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया. उन्होंने जान की परवाह भी नहीं की और इस अभियान को दुशमनों की भारी गोलीबारी में भी पूरा किया. किंतु ज़ख्मों के कारण कैप्टन विक्रम बत्रा वीरगति को प्राप्त हुए.

❇️कैप्टन विक्रम बत्रा: फिल्म 🔰

2013 में, बॉलीवुड फिल्म LOC कारगिल रिलीज़ हुई थी और पूरे कारगिल संघर्ष पर आधारित थी. अभिषेक बच्चन ने फिल्म में कप्तान विक्रम बत्रा की भूमिका निभाई थी.

❇️कैप्टन विक्रम बत्रा: लिगेसी (Legacy) 🔰

- प्वाइंट 4875 के ऐतिहासिक कब्जे के कारण पहाड़ को उनके सम्मान में बत्रा टॉप नाम दिया गया.

- जबलपुर छावनी में एक आवासीय क्षेत्र को 'कैप्टन विक्रम बत्रा एन्क्लेव' कहा जाता है.

- सेवा चयन केंद्र इलाहाबाद के एक हॉल का नाम 'विक्रम बत्रा ब्लॉक' है.

- आईएमए में संयुक्त कैडेट मेस का नाम 'विक्रम बत्रा मेस' है.

- चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में बत्रा सहित युद्ध के दिग्गजों के लिए एक स्मारक है.

- दिसंबर 2019 में नई दिल्ली के मुकरबा चौक और इसके फ्लाईओवर का नाम बदलकर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा चौक कर दिया गया.

❇️कैप्टन विक्रम बत्रा: पुरस्कार 🔰

वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वीरता के अपने विशिष्ट कार्यों के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा को भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.


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